hanuman chalisa - An Overview
hanuman chalisa - An Overview
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Boosts Self-confidence: Lord Hanuman symbolizes strength and bravery, and worshipping him can boost assurance and fortitude in struggling with issues.
भावार्थ – हे पवनकुमार! मैं अपने को शरीर और बुद्धि से हीन जानकर आपका स्मरण (ध्यान) कर रहा हूँ। आप मुझे बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करके मेरे समस्त कष्टों और दोषों को दूर करने की कृपा कीजिये।
व्याख्या – श्री हनुमान जी को जन्म से ही आठों सिद्धियाँ प्राप्त थीं। वे जितना ऊँचा चाहें उड़ सकते थे, जितना छोटा या बड़ा शरीर बनाना चाहें बना सकते थे तथा मनुष्य रूप अथवा वानर रूप धारण करने की उनमें क्षमता थी।
[23] Lutgendorf writes, "The afterwards identification of Hanuman as on the list of eleven rudras may possibly mirror a Shaiva sectarian claim on a growing well-liked god, In addition it implies his kinship with, and therefore prospective Management about, a class of great and ambivalent deities". Lutgendorf also writes, "Other skills in Hanuman's resume also manage to derive partly from his windy patrimony, reflecting Vayu's function in equally entire body and cosmos".[12] Based on a review by Lutgendorf, some scholars point out the earliest Hanuman murtis appeared inside the 8th century, but verifiable proof of Hanuman pictures and inscriptions seem during the 10th century in Indian monasteries in central and north India.[108]
व्याख्या – मैं अपने को देही न मानकर देह मान बैठा हूँ, इस कारण बुद्धिहीन हूँ और पाँचों प्रकार के क्लेश (अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष एवं अभिनिवेश) तथा षड्विकारों (काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर) से संतप्त हूँ; अतः more info आप जैसे सामर्थ्यवान् ‘अतुलितबलधामम्‘ ‘ज्ञानिनामग्रगण्यम्‘ से बल, बुद्धि एवं विद्या की याचना करता हूँ तथा समस्त क्लेशों एवं विकारों से मुक्ति पाना चाहता हूँ।
श्याम-श्याम भजि बारंबारा । सहज ही हो भवसागर पारा ॥ इन सम देव न दूजा कोई ।..
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर ।
मुक्ति के चार प्रकार हैं – सालोक्य, सामीप्य, सारूप्य एवं सायुज्य। यहाँ प्रायः सालोक्य मुक्ति से अभिप्राय है।
बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
व्याख्या – श्री हनुमान जी अष्ट–सिद्धियों से सम्पन्न हैं। उनमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं अति विस्तीर्ण दोनों रूपों को धारण करने की विशेष क्षमता विद्यमान है। वे शिव (ब्रह्म) का अंश होने के कारण तथा अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने से अविज्ञेय भी हैं ‘सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयम्‘ साथ ही काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, दम्भ आदि भयावह एवं विकराल दुर्गुणों से युक्त लंका को विशेष पराक्रम एवं विकट रूप से ही भस्मसात् किया जाना सम्भव था। अतः श्री हनुमान जी ने दूसरी परिस्थिति में विराट् रूप धारण किया।
When he noticed Anjani, Batara Expert was so stunned that he introduced semen. The king of your puppet gods rubbed it with tamarind leaves and threw it in to the lake. The sinom leaf fell on Anjani's lap. She also picked it up and ate it until eventually she became pregnant. When it had been time to provide beginning, Anjani was assisted because of the angels despatched by Batara Expert. She gave birth to your toddler monkey with white hair, whilst herself yet again had a good looking face and was taken to heaven being an angel.
. Numerous folk tales acclaim the virtues and supernatural powers of Hanuman. Recitation or chanting with the Hanuman Chalisa is a standard spiritual exercise among the persons throughout India.
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥ अन्त काल रघुबर पुर जाई ।
भावार्थ – अनन्त काल से आप भगवान श्री राम के दास हैं। अत: रामनाम-रूपी रसायन (भवरोग की अमोघ औषधि) सदा आपके पास रहती है।